व्यर्थ की चिंता
नमस्ते दोस्तों आज प्रस्तुत है व्यर्थ की चिंता एक व्यक्ति बहुत दिनों से तनावग्रस्त चल रहा था जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा तथा क्रोध में रहने लगा था। वह सदैव इस बात से परेशान रहता था कि घर के सारे खर्चे उसे ही उठाने पड़ते हैं, पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी के ऊपर है, किसी ना किसी रिश्तेदार का उसके यहाँ रोज आना जाना लगा ही रहता है, उसे बहुत ज्यादा ख़र्च करना पड़ता है आदि - आदि। इन्ही बातों को सोच सोच कर वह अक़्सर बहुत परेशान रहता था, अपने बच्चों को अक्सर डांट देता था तथा अपनी पत्नी से भी अधिकतर उसका किसी न किसी बात पर झगड़ा होता रहता था। इसी प्रकार समय बीत ता गया । एक दिन उसका बेटा उसके पास आया और बोला...... पिताजी मेरा स्कूल का होमवर्क करा दीजिये प्लीज। वह व्यक्ति पहले से ही तनाव में था, इसलिए उसने बेटे को जोर से डांट कर भगा दिया, लेकिन जब थोड़ी देर बाद उसका क्रोध शांत हुआ तो वह बेटे के पास गया। उसने देखा कि बेटा गहरी नींद में सोया हुआ है और उसके हाथ में उसके होमवर्क की कॉपी है। उसने धीरे से जब कॉपी लेकर जैसे ही नीचे रखनी चाही, उसकी नजर होमवर्क के टाइटल पर पड़ी। होमव...